छत्तीसगढ़ Raipur

मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले बाउंसरों का पुलिस ने सिर मुंडवाकर निकाला जुलूस

Posted on Jun 12, 2025 04:05 PM

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मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले बाउंसरों का पुलिस ने सिर मुंडवाकर निकाला जुलूस

मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट करने वाले बाउंसरों का पुलिस ने सिर मुंडवाकर निकाला जुलूस

पत्रकारों की एकता और साहस ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी दबाव में नहीं झुकेंगे।

"आदित्य गुप्ता"

रायपुर : राजधानी के मेकाहारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ मारपीट मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आज जयस्तंभ चौक से सभी आरोपी बाउंसरों का शहर में सिर मुंडवाकर जुलूस निकाला गया। इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मेकाहारा में पत्रकारों को चाकूबाजी से पीड़ित वर्ग की रिपोर्टिंग करने से रोका गया। अस्पताल में जब बाउंसर सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक वसीम पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंचा तो विवाद बढ़ा। वसीम अपने 3 बाउंसर के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाने लगा। पुलिस की मौजूदगी में उसने महिला सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल के गेट से बाहर निकालकर पत्रकारों की ओर धकेलना शुरू किया। अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टरों को रोका। सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। लगभग 3 घंटे बीद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सभी पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया।

पत्रकारों को धमकाने वालों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा

पत्रकार धरने पर बैठे तो मौके पर रायपुर के SSP डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह भी पहुंचे। पत्रकारों ने कहा कि अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक स्वयं यहां आए और घटना को लेकर कार्रवाई की जानकारी दें। इसके बाद अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर सीएम हाउस गेट के पास पहुंचे। उन्होंने दुर्व्यवहार को लेकर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में लगी कॉल मी सर्विस के टेंडर को निरस्त करने की अनुशंसा को लेकर सरकार को पत्र लिखेंगे। धरने में बैठे रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर से स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने फोन पर बातचीत की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पत्रकारों को इस तरह से धमकाने वाले लोगों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद देर रात पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन को स्थगित किया।

इस घटना के बाद रायपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वसीम बाबू और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने वसीम के घर से पिस्तौल और जिंदा कारतूस भी जब्त किए हैं। यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि पत्रकारों या आम नागरिकों से गुंडागर्दी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

पत्रकारों की एकता और साहस ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी दबाव में नहीं झुकेंगे। यह घटना मीडिया की स्वतंत्रता और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। पत्रकार एकता जिंदाबाद!

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